अमित शाह ने किया सहारा रिफंड पोर्टल लॉन्च! यह मिलेंगे डूबे हुए पैसे.. जानिए प्रोसेस स्टेप बाय स्टेप

Sahara Portal Link: देश के सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने मंगलवार को सहारा रिफंड पोर्टल को लॉन्च किया। इसके जरिए करोड़ों निवेशक अपना पैसा वापस पा सकेंगे। लम्बी कानूनी लड़ाई के बाद सहारा निवेशकों को यह पैसा वापस मिल रहा है। आइए जानते हैं कि निवेशकों को रिफंड के लिए किन-किन डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ने वाली है।
सहारा पोर्टल लिंक : https://mocrefund.crcs.gov.in/Depositor/Login
कौन-कौन से डॉक्यूमेंट चाहिए? (Sahara Refund Portal Link And Documents)
- सदस्यता संख्या
- जमा खाता संख्या
- आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर (अनिवार्य)
- जमा प्रमाणपत्र/पासबुक
- पैन कार्ड – यदि दावा राशि 50,000 रुपये से अधिक हो।
सहारा पोर्टल से रिफंड पाने का तारीका (Sahara Refund Portal Step By Step process)
निवेशकों को ध्यान रखना है कि आधार से रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर एक्टिव हो। अगर आधार से जुड़ा नंबर आपने बदल दिया है तो नए नंबर को आधार से जोड़ लें। साथ ही आपका बैंक अकाउंट आधार नबंर से कनेक्ट होना चाहिए। सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बताया कि इन डॉक्यूमेंट सहारे कोई भी निवेशक पोर्टल पर जाकर अपनी रसीद अपलोड करके रिफंड वापस पा सकेगा। बता दें, पोर्टल पर एक फॉर्म दिया गया है निवेशकों को उसे डाउनलोड करने के बाद पूरी जानकारी देते हुए अपने सिग्नेचर के साथ उसे पोर्टल पर फिर से अपलोड करना होगा।
45 दिन में पैसा होगा वापस
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि निवेशकों के अप्लाई करने के बाद 45 दिन में यह पैसा वापस हो जाएगा। सहकारिता मंत्री ने कहा कि पहले चरण में उन लोगों का पैसा लौटाया जा रहा है जिनके निवेश की राशि 10 हजार रुपये है। साथ ही बड़े निवेशकों के कुल इनवेस्टमेंट अमाउंट से 10 हजार रुपये तक लौटाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 5000 करोड़ रुपये वापस होने के बाद फिर से लोगों का पैसा लौटाने के लिए हम सुप्रीम कोर्ट की मदद लेंगे।
किन लोगों को मिलेगा पैसा? (Sahara India Refund)
सहारा समूह की सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड समितियों के पास पैसे जमा करने वाले निवेशकों को राहत दिलाने के लिए सहकारिता मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इनके दावों की भरपाई के लिए 5,000 करोड़ रुपये सीआरसीएस को हस्तांतरित करने का आदेश दिया था।
सहारा निवेशकों को पहले तो ये चेक करना होगा कि उनका पैसा किस समिति में लगा है। वहीं, अपने सभी डॉक्यूमेंट को इकट्ठा करना होगा। जब तक सभी जानकारी पूरी तरह से स्पष्ट ना हो जाए तब ये डॉक्यूमेंट किसी को देने से बचना चाहिए। सहारा के एजेंट की इस पूरे रिफंड प्रोसेस में क्या भूमिका रहने वाली है इसकी भी जानकारी पोर्टल में पता चल जाएगी।