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आजादी के 75 साल बाद भी ‘पिछड़ा रायगढ़’ … पानी के लिए करना पड़ रहा है आंदोलन! निगम के बाहर पार्षदो के साथ बैठे वार्डवासी.. सरकार के खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी और प्रदर्शन.. देखें वीडियो सहित

रायगढ़। आजादी के 75 साल बाद औद्योगिक नगरी रायगढ़ में पानी के लिए लोगों को धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है। रायगढ़ शहर में अमृत मिशन योजना के तहत लोगों को घरों में पानी दिया जाता है आलम यह है कि कहीं पानी पहुंचता है और कहीं नहीं। तो कहीं ना के बराबर। यही हाल रायगढ़ के करीब एक दर्जन वाडो का है। आज रायगढ़ नगर निगम में पानी को लेकर धरना प्रदर्शन और आंदोलन शुरू हो गया है।

रायगढ़ नगर निगम में पानी को लेकर धरना प्रदर्शन और आंदोलन

वार्ड नंबर 30 के पार्षद मुक्तिनाथ बबुआ वार्ड वासियों के साथ धरने पर बैठे हैं। शहर सरकार और स्थानीय विधायक के खिलाफ जमकर नारेबाजी हो रही है। वार्ड नंबर 36 के पार्षद महेश भी पानी के लिए वार्ड वासियों के साथ निगम पहुंचे। जो कोई भी जिम्मेदार अधिकारी नहीं पहुंचा। निगम के बाहर ताला जड़ दिया गया।

इस पूरे हो हंगामे के बीच सबसे खास बात यह रही कि धरना प्रदर्शन के करीब 1 घंटे के बाद निगमायुक्त वहां पहुंचे। इसके साथ ही कोतवाली पुलिस भी वहां पहुंची। धीरे-धीरे विपक्षी भाजपा पार्षदों और नेताओं का भी आना शुरू हुआ। अब यह आंदोलन विकराल रूप धारण करता जा रहा है।

पानी के लिए निगमायुक्त के पैर भी पड़े

आनन-फानन में निगमायुक्त और उपायुक्त द्वारा वैकल्पिक तौर पर बोर के द्वारा पानी की व्यवस्था किए जाने की बात कही जा रही है। वार्ड नंबर 30 के पार्षद मुक्तिनाथ बबुआ ने तो पानी के लिए निगमायुक्त के पैर भी पड़े। बहुत ज्यादा गर्म आता देखकर आयुक्त उपायुक्त निगम से निकल गए। उनके द्वारा सुबह-शाम रोज 2 घंटे पानी देने की बात की जा रही है पर कथनी और करनी में काफी अंतर है।

पब्लिक के लिए भाजपा इस बार काफी एग्रेसिव मोड में दिखाई दे रही है। पब्लिक सपोर्ट भी निगम में देखने को मिल रहा है। पानी इस लड़ाई में एक और अनोखा प्रदर्शन किया है। निगम प्रांगण में ही बिसलेरी की बोतल से बच्चों समेत पार्षदों ने स्नान किया। क्योंकि जिस प्रकार की व्यवस्था शहर में दिख रही है आने वाले दिनों में पानी खरीद कर ही पीना होगा।

इसके बाद नेता प्रतिपक्ष पूनम सोलंकी समेत भाजपा पार्षदों द्वारा खुद निगम की सफाई करने पर भी गई। निगम का ताला खोला गया।

ताला खोलते भाजपा के पूर्व पार्षद दीबेश सोलंकी

फिलहाल अब देखना क्या लाजमी होगा.. क्या वाकई विकास का ढिंढोरा पीटने वाली शहर सरकार और निगम शहरवासियों को पानी दिला पाएगी या फिर हर एक वार्ड वासियों को इसी तरह पानी के लिए निगम के बाहर जाकर प्रदर्शन करना पड़ेगा।

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