गायनेकोलॉजिस्ट और एनेस्थेटिस्ट के बिना ही डॉक्टरों ने कर दिया गर्भवती का ऑपरेशन.. ओवर ब्लीडिंग से मौत.. भारी बवाल.. अस्पताल सील

मुंगेली के लोरमी के आन्या अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही के कारण एक प्रसूता की मौत हो गई, जबकि मासूम अभी सुरक्षित है। बताया जा रहा है कि ऑपरेशन के दौरान मौत हुई है। मृतका का नाम 23 वर्षीय शारदा राजपूत है। गायनेकोलॉजिस्ट और एनेस्थेटिस्ट के बिना ही डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर दिया, जिससे महिला की मौके पर ही मौत हो गई। कलेक्टर राहुल देव के निर्देश पर निजी अस्पताल को सील कर दिया गया है।

मृतका के पति दुर्गेश राजपूत और परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर बड़ी लापरवाही का आरोप लगाया है। मृतका के पति दुर्गेश राजपूत और परिजनों मीडिया को बताया कि सरकारी 50 बिस्तर अस्पताल से गर्भवती महिला को गुरुवार देर रात लेकर परिजन लोरमी के आन्या अस्पताल पहुंचे थे। जहां महिला को ऑपरेशन के लिए ले जाया गया और थोड़ी देर के बाद उन्हें उनके बच्चे की एक झलक दिखाई गई लेकिन, महिला से मिलने नहीं दिया गया। महिला को जहां रखा गया था। उसके सारे दरवाजे बंद कर दिए गए थे। मामले में गड़बड़ी को देखकर परिजनों में दरवाजा तोड़कर देखा तो उसको टांके भी नहीं लगाए गए थे और उसके बेड पर काफी खून बह रहा था। उसकी मौत हो चुकी थी।
परिजनों ने अस्पताल में जमकर किया हंगामा
उन्होंने कहा कि अस्पताल के लापरवाह स्टाफ ने स्त्री रोग विशेषज्ञ के बिना ही डॉक्टर ने शारदा का ऑपरेशन किया, जिससे कारण ब्लीडिंग ज्यादा हो गई। इससे उसकी मौत हो गई. हॉस्पिटल में मौत के बाद शुक्रवार सुबह परिजनों ने जमकर हंगामा किया। अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की थी।

हॉस्पिटल संचालक को उठा ले गई पुलिस
मामले की सूचना मिलने पर एसडीएम पार्वती पटेल, बीएमओ डॉ. जीएस दाऊ और एसडीओपी माधुरी धिरही पुलिस स्टाफ के साथ अस्पताल पहुंची और आन्या हॉस्पिटल के संचालक महेंद्र साहू, स्टाफ जितेंद्र साहू को लोरमी थाने उठाकर ले आए।

हॉस्पिटल सील और प्रबंंधक गिरफ्तार
कलेक्टर के निर्देश पर फिलहाल अस्पताल को सील कर दिया गया है। मृतिका की लाश को पोस्ट मार्टम के बाद परिजनों को सौंपा जाएगा। मौत की वास्तविक कारणों की जानकारी जुटाई जा रही है। परिजनों के बवाल के बाद पुलिस ने हॉस्पिटल प्रबंधक को गिरफ्तार कर लिया है।

फर्जी तरीके से चल रहा था अस्पताल
आक्रोशित ग्रामीणों और परिजनों ने जमकर हंगामा किया। परिजनों का यह भी आरोप है कि मृतका का ऑपरेशन के बाद तक एनेस्थीसिया नहीं लगाया गया था, जिसके चलते अधिक ब्लड निकल गया। मिली जानकारी के अनुसार आन्या अस्पताल का पंजीयन रजिस्ट्रेशन नहीं है। बावजूद इसके फर्जी तरीके से अस्पताल का संचालन बिना अनुमति के किया जा रहा था।