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RTE में झोलझाल कर लाखों का गबन, पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी के ऊपर अपराध दर्ज.. भेजा जेल

जांजगीर-चाम्पा. RTE के तहत प्राप्त होने वाली राशि में पात्रता से अधिक की राशि फर्जी तरीके से स्वीकृत करवाकर गबन करने वाले पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) केएस तोमर को सिटी कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. 72 लाख रुपए के घोटाले में पुलिस ने पूर्व डीईओ के साथ इस मामले में पहले भी तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड में भेजा है. आरोपियों ने गलत मांग पत्र तैयार कर शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत धोखाधड़ी की. पुलिस ने बताया कि आरोपियों के विरूद्ध धारा 420, 409 120 बी, 467, 468, 471, 34 भादवि के तहत कार्रवाई की गई है.

पूरा मामला वित्तीय वर्ष 2019-2020 से जुड़ा है. तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी केएस तोमर ने 172 निजी स्कूलों से प्रस्तुत मांग पत्र का पुष्टिकरण कर मांग राशि कुल 57,090,745 रुपए का भुगतान करने स्कूलवार जानकारी तैयार कर लोक शिक्षण संचानालय इंद्रावती भवन नया रायपुर को प्रेषित कर अधिक राशि का आहरण कराया था. इस मामले में मयूरा कॉन्वेंट स्कूल भी शामिल है जिसकी जानकारी तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी केएस तोमर को भी थी.

पुलिस ने बताया कि प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर मयूरा कॉन्वेन्ट स्कूल बलौदा के संचालक राजेन्द्र मौर्य के द्वारा प्रलोभन दिए जाने पर तत्कालीन आरटीई खण्ड प्रभारी शिवानंद राठौर, सहायक ग्रेड-2 विकास कुमार साहू, कम्प्यूटर ऑपरेटर ने छलपूर्वक शिक्षा के आरटीई के तहत मयूरा कॉन्वेन्ट स्कूल बलौदा के 2019-20 के मांग पत्रक में अंकित राशि में कांट-छांट किया. कूटरचना कर पात्रता से अधिक राशि 72,27,690 रूपए का मांग पत्र तैयार किया. जिसे स्वीकृति के लिए संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय, इंद्रावती भवन, नवा रायपुर को प्रेषित किया.

पुलिस ने बताया कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत सत्र 2019-20 में मयूरा कॉन्वेन्ट स्कूल बलौदा के खाता में आरटीई मद से 72,27,690 रुपए का भुगतान होना पाया गया. जिस पर प्रकरण में धारा 467, 468, 471, 120बी आईपीसी की धारा जोड़ी गई.

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