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ब्रेकिंग: श्रम उपायुक्त के खिलाफ मजदूरों ने खोला मोर्चा! जमकर की नारेबाजी.. श्रम मंत्री से शिकायत! कैमरे के सामने खोल कर रख दी विभाग की पोल.. जानिए पूरा मामला; देखें विडियो..

रायगढ़। जिले में आज जिला कलेक्ट्रेट के पास डॉक्टर भीमराव अंबेडकर प्रतिमा के नीचे मजदूरों ने श्रम विभाग के उपायुक्त खिलाफ हल्ला बोल कर दिया है। अपने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन में श्रम विभाग के खिलाफ उन्होंने जमकर नारेबाजी की। उन्होंने सरकार द्वारा जारी श्रम योजनाओं में अपने चहेते हितग्राहियों को लाभ देने और पात्र हितग्राहियों का नाम हटा देने का आरोप लगाया है। इसके अलावा उन्होंने आरोप लगाया है कि श्रमिकों का काम आठ -दस महीने में भी नहीं होता है। विभाग द्वारा जानबूझकर का काम रोक दिया जाता है।

वीडियो: नारेबाजी करते हुए श्रमिकों

इसके साथ ही श्रमिक विभाग में 32 पात्र हितग्राहियों की जगह अपात्र हितग्राहियों को ₹32 लाख दे दिया गया था जिसे लेकर तीन लेबर इंस्पेक्टर को निलंबित किया गया था। नीचे वीडियो में विश्वकर्मा असंगठित मजदूर संघ सचिव ने इस पूरे मामले को बताते हुए कहा कि

वीडियो: पूरे मामले को उजागर करते श्रमिक संघ के सचिव

मजदूरों ने श्रम मंत्री छत्तीसगढ़ को अपने ज्ञापन में अपनी 5 सूत्रीय मांगे रखी हैं। जो इस प्रकार है।

  1. यह कि असंगठित कर्मकार की योजना आवेदन पर ओटीपी संदेश को समाप्त किया जाए और संशोधन आवेदन पर नामिनी को प्राथमिकता देकर मुख्यमंत्री दिव्यांग सहायता योजना में आवेदन करते समय नाम नी का मोबाइल नंबर अंकित कर ओटीपी संदेश को सत्यापित किया जावे।
  2. यह की समस्त योजना आवेदन लोक सेवा के अधीन होते हुए भी निराकृत उपरांत 8 से 10 माह में पात्र हितग्राही को लाभ नहीं मिल पाता है। जिसमें जानबूझकर विभाग द्वारा रुका जाता है।
  3. यह की सहायक श्रम आयुक्त कार्यालय रायगढ़ में व्यक्ति विशेष के योजना आवेदन को चिन्ना अंकित कर अपात्र आवेदन को निराकृत कर समय पूर्व लाभ आमंत्रित किया जाता है। जिसके परिणाम स्वरूप तीन श्रम निरीक्षको को निलंबन का परिणाम झेलना पड़ रहा है।
  4. यह की समस्त योजना आवेदन को बजट के अभाव में पाठ योजना आवेदन को बिना सूचना के किसी और किसी भी प्रकार के आदेशित कर मनमाने अपने स्तर पर निरस्त कर दिया गया है। जो गरीब हितग्राहियों के ऊपर गलत और अन्याय हैं। बजट के अभाव में निरस्त आवेदन को पुनः जीवित कर पात्र हितग्राहियों को तत्काल लाभ दिया जाए
  5. यह की विभागीय कार्य को जन्मजात व्यक्ति विशेष को दिया गया है जिस पर श्रमिक को विभाग से निराश (बैरंग) वापस लौटना पड़ता है. विभाग में 14 कर्मचारी होते हुए भी श्रमिकों का कार्य सही समय से नही होना विभाग की और कमियां स्पष्ट प्रदर्शित होता है। जिस पर समान रूप से कार्य दिया जाए ताकि श्रमिकों का कार्य सही ढंग से हो पाएगा और श्रमिक में आश जग पाएगा।
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मजदूरों की 5 सूत्रीय मांगे
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