द्वितीय पुण्यतिथि पर विशेष: संघर्ष की कभी न बुझने वाली मशाल, ऐसे थे रोशनलाल

यहां जो आएगा उसका जाना शाश्वत सत्य है परंतु अपने कार्यशैली से हजारों चाहने वालों को अपना बनाना और अपने जीवन में कर्मयोग साधना में लीन होकर कर्मयोगी बन जाना वैसा हर किसी के बस की बात नहीं होती। संघर्ष की जीते जागते मिसाल थे रोशन भैया…

रोशन अंकल को मैं विगत लगभग 26 वर्षों से जान रहा हूं और राजनीति में अंकल बोलते बोलते जो पूरे जिले और प्रदेश ने उनको रोशन भैया के नाम से पुकारा तो हमने भी अपने लेखन में उन्हें रोशन भैया ही लिखना शुरु कर दिया। इतने समय में मैंने जो उनको जाना और समझा वह एक ही था कि अपना कार्य ईमानदारी से करना और चाहे आपसे कितना भी बड़ा अपराध हो गया हो उनसे झूठ ना बोलना हमेशा निडरता और साहसिक बने रहना।
कार्यकर्ताओं की पाठशाला के हेड मास्टर थे रोशन भैया

कार्यकर्ता कैसे बनाए जाते हैं और कार्यकर्ताओं से कैसे कार्य लिया जाता है मैं समझता हूं कि रायगढ़ जिले में उनसे बेहतर कोई इस बात को नहीं समझ सकता। आज उनके बनाए कार्यकर्ता जिले, प्रदेश की राजनीति में अपना डंका बजा रहे हैं।
नकारात्मकता बातों के लिए जगह नहीं थी

रोशन भैया के खास गुण में यह शामिल था कि उनके सामने यदि आप किसी व्यक्ति के अवगुण की बात करेंगे तो वह उस बात को वह गंभीरता से कभी नहीं सुनते थे उनका यह हमेशा कहना था जो जैसा करेगा वह वैसा भरेगा ऊपर वाला सब देख रहा है। नकारात्मकता बातों के लिए उनके पास कोई स्थान नहीं था उनका कोई कितना भी बुरा किया हो तब भी उन्होंने किसी भी माध्यम से किसी का अपने जीवन काल में कभी कोई अहित नहीं किया।
स्वच्छता अभियान के जनक थे रोशन भैय्या
अपने विधायकी के कार्यकाल में पूरे विधानसभा में घूम घूम कर सुबह 6:00 बजे से गली मोहल्ले सड़कों पर स्वयं खड़े होकर साफ सफाई करवाने का जो उन्होंने अभियान शुरू किया जिसे की स्वच्छता अभियान के नाम जाना जाता है। अब स्वच्छता अभियान को उनके पुत्र गौतम अग्रवाल उन्हीं के दिखाएं नक्शे कदम पर चलते हुए निरंतर समय समय पर आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने पूरे 5 वर्ष जो स्वच्छता के प्रति कार्य किया जिसकी मिसाल आज भी रायगढ़ वासी देते हैं। रोशन भैया पर्यावरण प्रेमी थे उन्होंने अपने विधायकी कार्यकाल में वृहद स्तर पर पौधारोपण का कार्यक्रम भी स्वयं खड़े होकर करवाया।
कोरोना काल में हजारों मास्क का किया वितरण

कोरोना जिस समय अपने चरम स्तर पर था उस समय अपने स्वास्थ्य की परवाह न करते हुए रोशन भैया ने पूरे रायगढ़ जिले में 50,000 से ज्यादा मास्क वितरित किया उनका मेरे पास और मेरे जैसे बहुत से कार्यकर्ताओं को वह फोन करते थे तो एक ही बात कहते थे कितना बंडल मास्क और चाहिए और एक बात वह बड़ी गंभीरता से कहते थे मास्क देते समय यह मत देखना कि तुम किसे दे रहे हो। स्वयं भी उन्होंने घूम घूम कर मास्क बांटे और उस समय सारी परिवहन की सुविधाएं बंद होने के बावजूद भी किसी भी तरह से जिले के विभिन्न स्थानों पर मास्को को भिजवा कर एक जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य निभाया जो कि राजनीति में यह बताता है कि राजनीति से पहले आप एक सामाजिक व्यक्ति हैं।
सादा जीवन उच्च विचार के धनी थे रोशन भाई

रोशन भैया का जीवन शुरू से ही संघर्षशील रहा उन्होंने अपना जीवन ठेला लगाकर शुरू किया था इसलिए गरीबी से उठकर काफी संघर्ष करते हुए उन्होंने पत्रकारिता और राजनीतिक के जीवन में संघर्ष करते हुए अपना मुकाम हासिल किया था। हर कार्यकर्ता के साथ वे उन्हीं के रंग में रंग में रंग जाते घुलमिल जाते थे और जैसा आम कार्यकर्ता खाना खाता वैसे ही कहीं पर भी बैठ कर खाना खाना और बिना कोई लाग लपेट के जीवन जीना उनके जीवन शैली में शुमार था। इसके कायल सभी उनके चाहने वाले विशेष रूप से उनके वे कार्यकर्ता जो निरंतर उनके साथ चलते थे उनके इस कार्य से उनमें भी गर्मी, सर्दी, बरसात में असीम उर्जा का संचार हो जाता था और वे पूरे लगन के साथ रोशन भाई के साथ पार्टी के कार्यों में लगे रहते थे।
जिंदगी की जंग हार गए हनुमान भक्त रोशन भाई

हनुमान जी के परम भक्त जिन्होंने अपने जीवन पर्यंत लाखों हनुमान चालीसा का वितरण किया। 26 जनवरी 2021 को एक दुर्घटना में ऐसे घायल हुए की 6 दिन बाद 1 फरवरी को हम सब को रुलाते हुए जिंदगी की जंग हार गए रोशन भैय्या। रोशन भैय्या के निधन का समाचार रायगढ़ वासियों के लिए व्रजघात से कम न था जिसने सुना उसने कहा संघर्ष की वह मशाल जो आपने जलाई है उसे हम कभी ना बुझने देंगे। रोशन भाई का असमय चले जाना उनके चाहने वालों, उनके हजारों कार्यकर्ता की आंखों में मायूसी दे गया हर कोई आज भी रोशन भैय्या को अपनी यादों में समेटा हुआ है क्योंकि रोशन भैय्या के किस्से कभी खत्म ना होने वाले किस्से है। वर्ष बीत जायेंगे, पर जब भी नई पीढ़ी में पुरानी पीढ़ियों की बात होगी तो रोशन भैय्या का नाम बहुत ही सम्मान से लिया जाएगा। उनके किस्से हर किसी के पास सुनने को अवश्य मिल जाएंगे जिन्होंने उनके साथ कुछ भी समय बिताया है।
नम आंखों से आज आपकी द्वितीय पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि अंकल जी आप हमेशा हमारे दिलों में बसे रहेंगे।
अंत में बस एक ही बात कहूंगा आप बहुत याद आते हैं रोशन अंकल

-संजय बेरीवाल पल्लू