RTI कार्यकर्ता के हत्याकांड का हुआ खुलासा… सरपंच समेत 4 आरोपियों को पुलिस ने लिया हिरासत में!

कवर्धा : छत्तीसगढ़ राज्य के कबीरधाम जिले में पिछले महीने से लापता आरटीआई कार्यकर्ता का जला हुआ कंकाल पाया गया था। पुलिस ने इस मामले में बोक्करखार गांव के सरपंच अमित यादव, ग्रामीण नंदलाल मेरावी, सुखसागर यादव और जगदीश धुर्वे को गिरफ्तार कर लिया है।

जानकारी के मुताबिक आरोपियों ने अपराध को छुपाने के नियत से आरटीआई कार्यकर्ता की मोटरसाइकिल को तीन हिस्सों में काटकर जंगल में जमीन के नीचे गाड़ दिया था। आरटीआई कार्यकर्ता विवेक चौबे का जला हुआ कंकाल चिल्फी थाना क्षेत्र के जंगल से बरामद किया गया है।
मृतक के परिजनों ने पुलिस में की थी शिकायत :
मृतक के परिजनों ने 16 नवंबर को पुलिस में शिकायत की थी की विवेक चौबे 12 नवंबर को अपने घर के लिए निकले थे, और उनका कोई पता नहीं चल पाया है। पुलिस ने मृतक के परिजनों की शिकायत को दर्ज करके पुलिस मामले की जांच में जुट गई थी। प्रारंभिक जांच के दौरान पुलिस को सूचना मिली कि विवेक चौबे को आखिरी बार जिले के चिल्फी थाना क्षेत्र के कुंडापानी गांव की ओर जाते हुए देखा गया था। उसके बाद पुलिस ने इलाके में उनकी तलाश शुरू की।

ऐसे आए आरोपी पुलिस के शक के घेरे में :
पुलिस अधीक्षक लाल उमेद सिंह ने बताया कि चिल्फी क्षेत्र छत्तीसगढ़-मध्य प्रदेश की सीमा पर है और वह क्षेत्र नक्सल प्रभावित भी माना जाता है। मामले की जांच के लिए एक टीम का गठन किया गया। साथ ही विवेक चौबे की सूचना देने वाले को नगद इनाम देने घोषणा की गई। जब पुलिस को मालूम हुआ की बोक्करखार गांव के सरपंच अमित यादव ने मृतक विवेक चौबे की सूचना देने वाले को नगद इनाम की घोषणा की थी। इससे पुलिस द्वारा अमित यादव को शक के दायरे में रखा गया।

पुलिस द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक सरपंच अमित यादव और सरपंच के भाई सुखसागर , नंदलाल मेरावी और जगदीश ध्रुव से कड़ी पूछताछ किया गया। उस दौरान पुलिस को गुमराह करने की साजिश में असफल रहे और अपना गुनाह कबूल किया। पूछताछ के दौरान पुलिस द्वारा पुष्टि हो जाने पर चारों अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
आपसी विवाद बना हत्या का कारण
मिली जानकारी के अनुसार मृतक विवेक चौबे 12 नवंबर की रात को आरोपी सरपंच अमित यादव के साथ में थे। दोनों के बीच पैसे को लेकर विवाद हुआ था। विवाद की वजह से आरोपी अमित यादव ने विवेक चौबे के सिर पर डंडे से जानलेवा वार किया। जिसके कारण विवेक चौबे की मौके पर ही मौत हो गई।

आरोपियों द्वारा पुलिस को गुमराह करने की साजिश
पुलिस को गुमराह करने की साजिश में आरोपियों ने अलग-अलग जगहों से मृतक विवेक चौबे के फोन से कॉल कर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की थी। आरोपियों ने आरटीआई कार्यकर्ता विवेक चौबे का मोबाइल फोन अपने पास ही रख लिया। हत्या के बाद चारों आरोपियों ने मृतक के शव को जंगल में जला दिया। आरोपियों ने मृतक की मोटरसाइकिल के तीन टुकड़े करके जंगल के जमीन में गाड़ दिया।