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खत्म हुई राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता.. सूरत की कोर्ट ने दी 2 साल की सजा

नईदिल्ली। कांग्रेस के सासंद राहुल गांधी को उनकी मोदी सरनेम टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने की तारीख से लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया है.

सूरत की एक अदालत ने ‘मोदी उपनाम’ संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें कल (बृहस्पतिवार) को दो साल कारावास की सजा सुनाई थी. इस फैसले के बाद से ही राहुल गांधी पर लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने का खतरा मंडराने लगा था.

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लोकसभा सचिवालय का नोटिफिकेशन

बता दें कि जनप्रतिनिधि कानून के अनुसार, दो साल या उससे अधिक समय के लिए कारावास की सजा पाने वाले व्यक्ति को ‘दोषसिद्धि की तारीख से’ अयोग्य घोषित किया जाता और वह सजा पूरी होने के बाद जनप्रतिनिधि बनने के लिए छह साल तक अयोग्य रहेगा. लेकिन, विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अपीलीय अदालत राहुल गांधी की दोष सिद्धि और दो साल की सजा को निलंबित कर देती है, तो वह लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य नहीं होंगे. और साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में वो भाग ले (चुनाव लड़) सकते हैं.

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले राहुल गांधी को दोषी ठहराए जाने से राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है और कांग्रेस नेता के राजनीतिक भविष्य की राह में एक और चुनौती आ खड़ी हुई है. हालांकि, कांग्रेस का कहना है कि वह फैसले के विरोध में ऊपरी अदालत का रुख करेगी.

दरअसल, राहुल गांधी ने साल 2019 में कर्नाटक में एक रैली में कहा दिया था कि “सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? इस बयान को आधार बनाकर सूरत कोर्ट में मानहानि का केस दायर किया गया था. कोर्ट ने इस मामले में सभी दलीलें सुनने के बाद 23 मार्च को अपना फैसला सुनाया था.

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