कहाँ गई पुलिस और प्रशासन की आचार संहिता? 50 आदमी भी नहीं.. रात 10:50 के बाद भी गांधीगंज में कानफोड़ू म्यूजिक चालू
रायगढ़। कहने को तो रायगढ़ जिले में आचार संहिता लागू है मगर यहां प्रशासन भी आज माथा देखकर तिलक लगा रहा है। मतलब सीधी भाषा मे प्रशासन कार्रवाई करता है कभी गरीब डीजे वालों पर और उसके बाद प्रशासन की प्रेस विज्ञप्ति वाह वाही लूटती है।
अभी फिलहाल गांधीगंज में एक सस्ता आर्केस्ट्रा चल रहा है,जो भजन के नाम पर सिर्फ टॉर्चर ही कर रहा है! ऐसा नहीं है कि एसपी आफिस/बंगले और कलेक्टर बंगले तक जिसकी गूंज नहीं जा रही होगी। मुश्किल से 50 आदमी भी रात के 10:30 बजे यहां नहीं है, भीड़ बनाने के लिए भोजन का प्रबंध भी किया मगर… यहां आचार संहिता लागू नहीं होती..??
थोड़ी सी सस्ती लोकप्रियता के लिए इस तरह का कार्यक्रम आयोजित हो रहा है और भाजपा की सरकार है जो सिर्फ एक आंख से चश्मा देख रही है। शायद यही वजह है कि लोग कानफोड़ू म्यूजिक बर्दाश्त कर रहे हैं! प्रशासन चुपचाप मौन है, यहां कोई कार्रवाई नहीं होगी.. क्योंकि यह करोड़पतियों का मोहल्ला है उद्योगपतियों का मोहल्ला है।
यहां सारे नियम कायदे सब गए भाड़ में! काहे के आचार संहिता! ऐसा नहीं की पुलिस को इसके बारे में पता नहीं है! यहां से चार बार पुलिस का ट्रैफिक वैन जा चुका है और 10:00 के बाद भी सायरन बज रहा है! लेकिन हिम्मत नहीं है कि कोई कानून का पालन करवा सके।
आम नागरिकों से अपील है कि अगले जन्म में आप किसी रिहायशि में ही पैदा हुए वरना.. संविधान के सारे दंडात्मक नियम कार्रवाई आपके ऊपर ही होगी।